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खेत तालाब योजना

इस सरकारी योजना में मिलता है गजब का फायदा, 50% तक का मिलता है किसानों को अनुदान

इस सरकारी योजना में मिलता है गजब का फायदा, 50% तक का मिलता है किसानों को अनुदान

किसानों को इस योजना से गजब का फायदा मिलता है। जो किसान सिंचाई कि समस्या से परेशान है उनके लिए यह योजना बड़ा ही कारगर साबित होने वाला है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से किसानों के सिंचाई की समस्या से समाधान निकालने के लिए जोर दिया जा रहा है। पूरे भारतवर्ष में कृषि के मामले में किसानों को बेहतर मुनाफा अर्जित करने के लिए सरकार द्वारा लगता नए-नए योजनाओं को धरातल पर लागू कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है। सरकार किसानों के बेहतर भविष्य के लिए चिंतित है। सरकार ने किसानों के सिंचाई को समस्या को देखते हुए इस योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना का नाम खेत तालाब योजना (Khet Talab Yojna; Farm Pond Scheme) है। खेत तालाब योजना के माध्यम से किसानों को सिंचाई के समस्या से वंचित कराना है। खेती करने के लिए किसान को जल की आवश्यकता होती है। जल के द्वारा ही उगाए जा रहे फसलों की सिंचाई की जाती है। बहुत सारे किसान सिंचाई के लिए आवश्यक जल का उपयोग ट्यूबवेल और अन्य साधनों से करते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के लिए खेत तालाब योजना लाकर के किसानों को सिंचाई की समस्या से उबारने का भरपूर प्रयास कर रही है।

क्या है खेत तालाब योजना

इस योजना के अंतर्गत किसानों के खेतों में एक छोटे से भाग में तालाब का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें बारिश के पानी को एकत्रित किया जाएगा, इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को सिंचाई के समस्या से उबारना है। खेतिहर जमीन में तालाब निर्माण के लिए किसानों को अनुदान भी दिया जाता है, अपने जमीन के भूभाग में किसान तालाब का निर्माण करा करके इसमें
मछली का पालन भी कर सकते हैं। इससे किसानों को सिंचाई की समस्या से वंचित होने के साथ-साथ ट्यूबवेल में लगने वाली किसानों की लागत भी कम हो जाती है। [embed]https://twitter.com/UPGovt/status/1285431902313144320[/embed]


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सरकार के द्वारा दिया जाता है इतना प्रतिशत का अनुदान

इस योजना का सबसे बेहतर फायदा यह है कि सरकार के द्वारा 50% अनुदान दिया जाता है, यानी आपके लागत का आधा सरकार खुद आपको देती है। खेतिहर जमीन में तालाब बनाने के लिए लगभग ₹100000 का खर्चा आता है, जिसमें ₹50000 इस योजना के अंतर्गत सरकार के द्वारा आपको तालाब के निर्माण के लिए मिल सकता है। अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते है तब। वही बड़े तालाब के निर्माण के लिए 2 से ढाई लाख रुपए का खर्चा आता है, जिसमें आधी रकम सरकार के द्वारा आप को अनुदान के रूप में दिया जाता है। अभी तक उत्तर प्रदेश के सरकार ने इस योजना के अंतर्गत लगभग दो हजार से ज्यादा तालाबों का निर्माण करवाया है। जिसमें 50 प्रतिशत की राशि सरकार के द्वारा किसानों को तालाब निर्माण के लिए अनुदान के रूप में दिया गया है।

खेत तालाब योजना से किसानों को मिलेंगे ये लाभ :

यह योजना किसानों के लिए बहुत ही लाभप्रद है। खेत तालाब योजना का किसान अगर लाभ लेते हैं, तो इससे सबसे बेहतर फायदा यह है कि जल संरक्षण को पूर्ण रूप से बढ़ावा मिलेगा। किसानों को सच्चाई की समस्या जो उत्पन्न होती है, उसका निवारण अपने ही जमीन में निर्माण कराए गए तालाब के द्वारा आसानी से हो जाएगा। साथ ही साथ किसान को एक बेहतर फायदा यह मिलेगा कि निर्माण कराए गए तालाब में वह मछली का पालन आसानी से कर पाएंगे और उससे भी मुनाफा अर्जित करने में सक्षम हो पाएंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के लिए तत्काल ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले आपको उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य माना गया है। वहीं दूसरी तरफ अगर आप पहले से ही किसी तालाब योजना का लाभ ले रहे हैं, तो इस योजना का लाभ आपको प्राप्त नही होगा। अगर आप एक रजिस्टर्ड किसान है तो इस योजना का लाभ ले पाएंगे। अब अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते है और सिंचाई की समस्या से वंचित होकर उगाए गए फसलों पर अधिक लाभ कमाना चाहते है, तो आपको जल्द ही इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहिए। इसके लिए उपयुक्त दस्तावेज होना अनिवार्य है, जिसमें जाति प्रमाण पत्र आधार कार्ड बैंक खाते का विवरण स्थानीय निवास प्रमाण पत्र मोबाइल नंबर और खाते का दस्तावेज होना अनिवार्य माना गया है। खेत तालाब योजना आवेदन के लिए आप यूपी कृषि विभाग पारदर्शी किसान सेवा योजना की वेबसाइट पर जाएँ:  https://upagripardarshi.gov.in/Index-hi.aspx पारदर्शी सेवा वेबसाइट के होम पेज पर आप उपर मीनू में " योजनायें > मुद्रा एवं जल सरंक्षण > राज्य प्रायोजित विकल्प " पर क्लिक करें। तो देर ना करें जल्दी इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करें और इस योजना का बेहतर लाभ ले करके अपने आय को खेती के माध्यम से दुगुना करें।
अब नहीं रिसेगा पानी, प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना से खेतों में बनेगा तालाब

अब नहीं रिसेगा पानी, प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना से खेतों में बनेगा तालाब

किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पुरजोर कोशिश में है। जिसके चलते कई तरह की योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है। जिसमें से एक है प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना। इस योजना के अंतर्गत सरकार अनुदान भी दे रही है। बारिश का पानी इकट्ठा करके खेती के लिए इस्तेमाल करने के हिसाब से राजस्थान सरकार ने एक नई योजना पेश की है। इस योजना का नाम प्लास्टिक फार्म पॉन्ड है। प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना के तहत किसानों एक लाख से भी ज्यादा का अनुदान राजस्थान सरकार की ओर से दिया जा रहा है। आपको बता दें की पहली बार गंगापुर सिटी एरिया में रेतीली जमीन पर प्लास्टिक लाइन फार्म पॉन्ड को बनाया गया है। इस पॉन्ड में आने वाले दिनों में बारिश के पानी को इकट्ठा करने में मदद मिलेगी। साथ ही, पानी जमीन में नहीं रिस पाएगा। जिसके बाद किसान भाई बारिश के पानी को जल संरक्षण के तौर पर खेती या फिर मछली पालन में इस्तेमाल कर पाएंगे।

दो साल से थी बड़ी चुनौती

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गंगा सिटी का यह सबसे रेतीला इलाका है। जहां फार्म पॉन्ड बनाना कृषि अधिकारियों के लिए करीब दो साल से चुनौती से भरा हुआ था। इसके अलावा इस विभाग के अंतर्गत लगभग दो दर्जन गांव स्थित हैं। जिनकी जमीन रेतीली है। पानी की किल्लत के चलते यहां की फसलों की सिंचाई के लिए किसान को बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

सरकार की स्कीम पर किसानों को नहीं था इंटरेस्ट

आपको बतादें कि किसानों की इस समस्या को देखते हुए प्रदेश की सरका ने रेतीली जमीन में खेती किसानी करने वाले किसानों के लिए दो साल पहले ही प्लास्टिक फार्म पॉन्ड की स्कीम दी थी। लेकिन इस तरफ किसानों का कोई खास इंटरेस्ट नहीं था, जिसे देखते हुए विभागीय अधिकारीयों ने भी अपने कदम पीछे ले लिए।

नये सहायक कृषि अधिकारी ने किया प्रेरित

प्रदेश के गंगा सिटी इलाके में नये सहायक कृषि अधिकारी ने इस समस्या को चुनौती की तरह लिया और किसानों को सरकार की इस योजना के प्रति प्रेरित किया। जिसके कुछ दिनों के बाद ही उनकी मेहनत रंग लाने लगी और सलेमपुर गांव में किसानों ने फार्म पॉन्ड बनवा दिया। जिसके लिए करीब 20 मीटर की लम्बाई और चौड़ाई के साथ तीन मीटर की गहराई की गयी। ये भी पढ़ें: राजस्थान सरकार देगी निशुल्क बीज : बारह लाख किसान होंगे लाभान्वित

किसान कैसे उठा सकते हैं लाभ?

अगर किसान प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो उनके पास करीब 0.3 हेक्टेयर की जमीन और खेत का नक्शा होने के साथ ट्रेस और जन आधार कार्ड बैंक अकाउंट डिटेल सहित मोबाइल नंबर अपडेट होना चाहिए। इसके साथ ही किसानों को विभाग की तरफ से करीब एक लाख या उससे ज्यादा का अनुदान भी दिया जाता है। अगर किसानों ने इसके लिए आवेदन नहीं किया है, तो वह फार्म पॉन्ड योजना का फायदा भी नहीं उठा पाएंगे।

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी?

कृषि अधिकारी के मुताबिक प्लास्टिक फार्म पॉन्ड बनाने के लिए सितंबर से अक्टूबर महीने में किसानों से संपर्क करके उन्हें शार्टलिस्ट किया गया है। इसके लिए किसानों को लगातार प्लास्टिक फार्म पॉन्ड बनाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्लास्टिक फार्म पॉन्ड में मछली पालन की परमिशन भी दे रखी है। इससे पहले प्लास्टिक फार्म पॉन्ड में किसान मछली पालन का काम नहीं कर सकते थे। अगर वो ऐसा करते भी थे तो, सख्त कारवाई भी की जाती थी। लेकिन किसानों की इनकम बढ़े इसके लिए राज्य सरकार नया प्रोविजन ला चुकी है।